गवर्मेंट NEWS श्रमिक कार्ड                 

निर्माण श्रमिक जीवन व भविष्य सुरक्षा योजना

  मण्डल में हिताधिकारी के रूप में पंजीकृत निर्माण श्रमिक हो।    -2  हिताधिकारी के नाम में बैंक में बचत खाता हो।    -3  हिताधिकारी के पास आधार कार्ड तथा भामाशाह कार्ड हो। (वैकल्पिक)    -4 हिताधिकारी प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना तथा अटल पेंशन योजना की सदस्यता हेतु पात्रता धारक हो तथा उसके द्वारा स्वयं के बचत बैंक खाते से इन योजनाओं या इनमें से किन्हीं योजना के अंशदान/प्रीमियम राशि की कटौति किये जाने की सहमति सम्बन्धित बैंक को दी गई हो।    -5 हिताधिकारी द्वारा स्वयं के बचत बैंक खाते के माध्यम से इन योजनाओं के वार्षिक अंशदान/प्रीमियम राशि की कटौति कराई गई हो।



निर्माण श्रमिक शिक्षा व कौशल विकास योजना
1 मण्डल में हिताधिकारी के रूप में पंजीकृत निर्माण श्रमिक होय    -2 हिताधिकारी के पुत्र/पुत्री/पत्नि ही शिक्षा सहायता (छात्रवृत्ति) योजना के लिए पात्र होंगे|    -3 हिताधिकारी की अधिकतम दो संतान अथवा एक संतान एवं पत्नी को ही छात्रवृत्ति प्राप्त करने की पात्रता होगी, परन्तु यदि पति-पत्नि दोनों पंजीबद्ध हिताधिकारी हों तो पति-पत्नि के अधिकतम दो बच्चों को छात्रवृत्ति की पात्रता होगी। परन्तु मेधावी छात्र/छात्राओं को नगद पुरस्कार के लिए कोई सीमा नहीं होगी|    -4 कक्षा 6 से स्नातकोत्तर स्तर की कक्षा में सरकारी या केन्द्र/राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त निजी स्कूल या महाविद्यालय में नियमित रूप से अध्ययनरत हो| अथवा    -5 राज्य में संचालित सरकारी या मान्य निजी आईटीआई एवं पॉलीटेक्नीक पाठ्यक्रम में नियमित अध्ययनरत हो|     -6 मेधावी छात्र-छात्रा द्वारा नगद पुरस्कार प्राप्त करने के लिए कक्षा 8 से 12 वीं तक की परीक्षा 7 % अंक या समकक्ष ग्रेड में उत्तीर्ण की हो। डिप्लोमा,  स्नातक व स्नातकोत्तर स्तर की परीक्षा में (चिकित्सा, इंजिनियरिंग या अन्य प्रोफेशनल परीक्षा सहित) 60 प्रतिशत या अधिक अंक या समकक्ष ग्रेड प्राप्त की हो/उत्तीर्ण की हो|    -7 हिताधिकारी  की  पत्नि को  छात्रवृत्ति  की  पात्रता  के लिए उसकी  आयु 35 वर्ष से  अधिक न हो तथा षिक्षण संस्था में नियमित अध्ययनरत हो|    -8 किसी वर्ष के लिए छात्रवृत्ति सुसंगत परीक्षा उत्तीर्ण कर लेने पश्चात् ही देय होगी|    -9 ग्रीष्म अवकाश के बाद शिक्षण/प्रशिक्षण संस्था खुलने पर छात्र/छात्रा द्वारा आगामी कक्षा में प्रवेश प्राप्त करने पर ही छात्रवृत्ति की पात्रता होगी। परन्तु 12वीं कक्षा, डिप्लोमा, स्नातक अथवा स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम की अन्तिम परीक्षा उत्तीर्ण करने की स्थिति में आगामी कक्षा में प्रवेष लेना आवष्यक नहीं होगा|    -10 अधिनियम की धारा 17 तथा नियम, 2009 के नियम 45 के प्रावधानानुसार जो हिताधिकारी लगातार एक वर्ष की कालावधि तक अंशदान जमा नहीं  करता है तो वह हिताधिकारी नहीं रहेगा, अतः ऐसे अंशदान के जमा कराने में चूक करने वाले निर्माण श्रमिक के पुत्र/पुत्री/पत्नि को योजना के अंतर्गत छात्रवृत्ति देय नहीं होगी। परन्तु उपरोक्त धारा एवं नियम के परन्तुक के अधीन हिताधिकार पुनर्स्थापन (restoration) होने पर छात्रवृत्ति का भुगतान किया जायेगा।   




निर्माण श्रमिक सुलभ्य आवास योजना
1  मण्डल में कम से कम 1 वर्ष से हिताधिकारी के रूप में पंजीकृत निर्माण श्रमिक हो तथा अंशदान जमा कराया गया हो|    -2  हिताधिकारी के पास आधार कार्ड तथा भामाशाह कार्ड हो (वैकल्पिक)|    -3  यदि स्वयं के भूखण्ड पर आवास बनाता है तो भूखण्ड पर स्वयं का या पत्नी/ पति का मालिकाना हक हो तथा उक्त भूखण्ड/सम्पत्ति विवाद रहित, बंधक रहित हो|    -4  वित्तीय संस्था/बैंक से ऋण लेने के अतिरिक्त, स्वयं की बचत या अन्य स्त्रोत से ऋण लेकर आवास का निर्माण करने की स्थिति में, आवास की अनुमानित निर्माण लागत का प्रमाणिकरण पंचायत अथवा नगर पालिका के कनिष्ठ अभियन्ता या उससे उच्च अभियन्ता से प्राप्त करना आवश्यक होगा|    -5 हाउसिंग फार आल मिशन (अरबन) या सरकार की अर्फोडेबल हाउसिंग या मुख्यमंत्री जन आवास योजना या सरकार की अन्य किसी आवास योजना के अन्तर्गत आवास प्राप्त करने की निर्धारित शर्ते व पात्रता पूरी करता हो|    -6 लाभार्थी के निर्माण श्रमिक/पंजीकृत हिताधिकारी होने की जांच/पुष्टि श्रम विभाग द्वारा की जायेगी तथा केन्द्र अथवा राज्य सरकार की किसी आवास योजना में आवास प्राप्त करने की पात्रता की जांच नगरीय विकास विभाग अथवा आवास योजना से संबंधित अन्य विभाग या एजन्सी द्वारा की जायेगी|    -7 स्वयं की बचत से या बैंक वित्तीय संस्था के अतिरिक्त अन्य स्त्रोत से ऋण प्राप्त कर आवास निर्माण करने की स्थिति में, जहां नियमों में आवष्यक हो, स्थानीय ग्राम पंचायत/नगर पालिका/नगर निगम या अन्य राजकीय संस्थान से भवन का मानचित्र व ले-आउट प्लान स्वीकृत होना आवष्यक होगा|    -8 आवास का मालिकाना हक पति व पत्नी दोनों के संयुक्त नाम में होगा|    -9 हिताधिकारी आवास हेतु सहायता/अनुदान प्राप्त करने के उपरान्त 10 वर्ष तक निर्माण अथवा क्रय किए गए अथवा केन्द्र या राज्य सरकार की किसी आवास योजना के अन्तर्गत प्राप्त किये गये आवास का बेचान, एग्रीमेंट टू सेल या अन्य किसी भी प्रकार से नहीं कर सकेगा। यदि ऐसा किया जाता है तो अनुदान की राषि हिताधिकारी से पुनः वसूल की जाएगी|    -10 यदि हिताधिकारी अथवा उसकी पत्नि/पति अथवा आश्रित पुत्र या पुत्री के नाम पर/मालिकाना हक में पहले से कोई आवास है तो ऐसे हिताधिकारी को इस योजना में अनुदान/सहायता देय नहीं होगी|    -11 जिन हिताधिकारियों ने मण्डल की विद्यमान योजना के अन्तर्गत सहायता/अनुदान राशि प्राप्त की है अथवा जिनको विद्यमान योजना में अनुदान/सहायता राशि प्राप्त होती है अथवा जिन्हें इस (नयी) योजना में स्वयं के भूखण्ड पर आवास निर्माण के लिए अनुदान प्राप्त होता है, वे राज्य/केन्द्र सरकार की किसी आवास योजना में आवास अनुदान प्राप्त करने की पात्र नहीं होंगे|    -12 हिताधिकारी को जीवनकाल में एक बार ही आवास अनुदान देय होगा अर्थात् मण्डल की विद्यमान योजना में आवास हेतु सहायता/अनुदान प्राप्त करने वाले हिताधिकारी इस योजना में आवास अनुदान प्राप्त करने के पात्र नहीं होंगे|    -13 पति व पत्नि दोनों के हिताधिकारी होने की स्थिति में वे एक ही आवास के लिए अनुदान प्राप्त कर सकेंगे।



प्रसूति सहायता योजना
1 महिला श्रमिक अधिनियम की धारा 13 के अंतर्गत हिताधिकारी परिचय पत्रधारी हो।    -2 प्रसव के समय महिला हिताधिकारी की आयु 20 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए।    -3 प्रसूति हितलाभ अधिकतम दो बार के प्रसव हेतु ही देय होगा। पंजीयन से पूर्व दो या अधिक संतान होने की स्थिति में सहायता देय नहीं होगी तथा पंजीयन से पूर्व एक संतान होने पर एक ही प्रसव पर सहायता देय होगी। (अधिसूचना दिनांक   21.09.2015 द्वारा संषोधित)।    -4 ऐसे निर्माण कर्मकार हिताधिकारी जो मण्डल की निधि में मासिक अभिदाय जमा करने की चूक (डिफाल्ट) करते हैं, उन्हें प्रसूति सहायता योजना के लाभ की पात्रता नहीं होगी।    -5 पुनः मासिक अदायगी न करने की चूक का नियमानुसार पुनर्भरण करने पर निर्माण हिताधिकारी कर्मकार प्रसूति सहायता योजना के लाभ की पात्र होगी।     -6 योजना के अन्तर्गत प्रसूति हितलाभ संस्थागत प्रसव पर ही देय होंगे। (अधिसूचना दिनांक 21.09.2015 द्वारा जोडा गया)।



सिलिकोसिस पीड़ित हिताधिकारियों हेतु सहायता योजना
(1) इस योजना के लिए वे निर्माण श्रमिक पात्र होंगे, जो हिताधिकारी के रूप में मण्डल में पजीकृत हो तथा अंषदान जमा करा रहे हैं।     -(2) हिताधिकारी के सिलिकोसिस से पीड़ित होना राजस्थान कर्मकार क्षतिपूर्ति (व्यवसायजन्य बीमारियां) नियम, 1965 में गठित न्यूमोकोनियोसिस मैडिकल बोर्ड द्वारा प्रमाणित किया गया हो।     -(3) हिताधिकारी को राजस्थान एनवायरमेंट एण्ड हैल्थ सैस फण्ड (रीहेब) से सिलिकोसिस सहायता राषि प्राप्त नहीं हुई हो।     -नोट- सिलिकोसिस पीड़ित व्यक्ति राजस्थान एनवायरमेंट एण्ड हैल्थ सैस फण्ड अथवा मण्डल की योजना में से किसी एक में ही सहायता प्राप्त करने का पात्र होगा।


शुभशक्ति योजना
1    लड़की के पिता या माता अथवा दोनों, कम से कम एक वर्ष से मण्डल में पंजीकृत हिताधिकारी/निर्माण श्रमिक हों|    -2    हिताधिकारी की अधिकतम् दो पुत्रियों अथवा महिला हिताधिकारी को और उसकी एक पुत्री को प्रोत्साहन राशि देय होगी|    -3    महिला हिताधिकारी अविवाहिता हो अथवा हिताधिकारी पुत्री की आयु न्यूनतम् 18 वर्ष पूर्ण हो गई हो तथा वह अविवाहिता हो|    -4    हिताधिकारी की पुत्री/महिला हिताधिकारी कम से कम 8वीं कक्षा उर्त्तीण हो|    -5    हिताधिकारी की पुत्री/महिला हिताधिकारी के नाम से बचत बैंक खाता हो|    -6    हिताधिकारी का स्वयं का आवास होने की स्थिति में, आवास में शौचालय हो|    -7      आवेदन की तिथि से पूर्व के एक वर्ष की अवधि में हिताधिकारी कम से कम 90 दिन निर्माण श्रमिक के रूप में कार्यरत रहा हो|    -8      प्रोत्साहन राशि हिताधिकारी के निर्माण श्रमिक होने के भौतिक सत्यापन की शर्त पर ही देय होगी। निर्माण श्रमिक होने का सत्यापन तहसीलदार, विकास अधिकारी, सहायक व उच्च अभियन्ता, सरकारी माध्यमिक विद्यालय का प्रधानाध्यापक अथवा अन्य राजपत्रित अधिकारी द्वारा किया जा सकेगा|    -9      प्रोत्साहन राशि का उपयोग महिला हिताधिकारी/पुत्री के विवेक के अनुसार आगे शिक्षा या व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त करने, स्वयं का व्यवसाय प्रारम्भ करने, कौशल विकास प्रशिक्षण प्राप्त करने आदि में तथा स्वयं के विवाह हेतु उपयोग में लिया जाएगा (स्वयं का व्यवसाय प्रारम्भ करने या कौशल विकास करने या व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त करने के लिए लड़की को उचित परामर्श प्रदान किया जाएगा)|    -10     योजना का हितलाभ प्राप्त करने के लिए हिताधिकारी द्वारा निर्धारित प्रपत्र में आवेदन, पंजीकृत हिताधिकारी के रूप में एक वर्ष पूरा होने के पश्चात्, प्रस्तुत किया जाएगा। परन्तु यह आवश्यक होगा कि योजना का आवेदन प्रस्तुत करने के समय हिताधिकारी का परिचय-पत्र वैध/एक्टिव हो|    -11     जिन लड़कियों के लिए हिताधिकारियों को पूर्व में मण्डल की विवाह सहायता योजना के अन्तर्गत सहायता प्राप्त हो चुकी है, उन्हें इस योजना में सहायता देय नहीं होगी।



हिताधिकारी की सामान्य अथवा दुर्घटना में मृत्यु या घायल होने की दशा में सहायता योजना 2014
(1) 18 से 60 वर्ष की उम्र के निर्माण श्रमिक इस योजना के लिए पात्र होगें।    -(2) हिताधिकारी निर्माण श्रमिक जिनका धारा 12 के अन्तर्गत मण्डल में पंजीयन हो चुका है और जो अपना अंशदान नियमित रुप से जमा करवा रहे है। हिताधिकारी की मृत्यु की दषा में, नियमित अंषदान जमा कराने की समय-सीमा में 3 माह की शिथिलता होगी। (अधिसूचना दिनांक 21.09.2015 द्वारा संषोधित)।    -



निर्माण श्रमिक औजार/टूलकिट सहायता योजना
1. 3 वर्ष से पंजीकृत निर्माण श्रमिक हो|    -2. स्वंय के कार्य या व्यवसाय से सम्बंधित टूलकिट/औजार खरीदने पर ही राशी देय|    -3. औजार/टूलकिट की खरीद स्वंय निर्माण श्रमिक द्वारा की जाएगी तथा बिल आवेदन के   साथ सलंगन करना आवश्यक|









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